क्या हमे सिर्फ Nano urea देना है और बेसल urea नहीं ? क्या यंह बेसल urea से अच्छा है ? इसके छिडकाव से फसलो को कोई नुकसान तो नहीं होता है ? छिडकाव केलिये कितना dose ले ? अन्य कीटनाशक के साथ मिक्स करके दे सकते क्या ? कितनी price में मिलता है ? किसान भाई नमस्कार जानेंगे विस्तारसे |
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आईये पहले बात करते है इसमे क्या फार्मूलेशन है ?
इसमे 4.0% कुल नाइट्रोजन (w/v) समान रूप से पानी में मिला हुआ है। नैनो नाइट्रोजन कणों का आकार 20-50 नैनो मीटर है।
फसलो पर छिडकाव करनेसे होनेवाले फायदे क्या है ?
- यह प्रभावी रूप से फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है,
- पत्ती प्रकाश संश्लेषण, जड़ के विकास, प्रभावी कल्ले और शाखाओं को बढ़ाता है।
- यह पौधों के अंदर नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है।
- यह फसल की उपज की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाता है।
- फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानों भाई की आय में वृद्धि करता है।
- उच्च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे अधिक तक कम कर सकता है।
- किसान भाई नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मिली) आसानी से स्टोर या संभाल सकते हैं।
- यह मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता के संरक्षण में मदद करता है।
- मोड ऑफ़ एक्शन कि बात करे तो जब पत्तियों पर इसका छिड़काव किया जाता है,
- तो नैनो यूरिया आसानी से रंध्रों (स्टोमेटा) ,
- अन्य छिद्रों के माध्यम से पौधे में प्रवेश कर जाता है ,
- पौधों की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
- यह पौधे में फ्लोएम के माध्यम से आवश्यकता के अनुसार वितरित होता है।
- अप्रयुक्त नाइट्रोजन पौधे के रिक्तिका में स्टोर रहता है ,
- पौधे के उचित विकास और वृद्धि के लिए धीरे-धीरे छोड़ा जाता है।
- नैनो यूरिया के छोटे आकार से (20-50 नैनो मीटर) फसल को इसकी उपलब्धता 80% से अधिक तक बढ़ जाती है।
बात करलेते है किन फसल में इसका इस्तेमाल करना उचित रहता है ?
मुख रूपसे कपास, धान, चना, मका , गना , अरहर, सोयाबीन, मुंग , बरबटी , बैंगन ,पत्तागोभी और साथ हि भिंडी, मिर्च और अन्य सभी सब्जी वर्गी फसलो में इस्तेमाल कर सकते है |
बात कर लेते है फसलो पर संक्षिप्त में होनेवाले फायदे क्या है ?
कपास :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- पौधे को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- पौधे को हराभरा रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
चना :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- पौधे को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहायता करता है |
- फसल को हराभरा रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
मिर्च :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
अरहर :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
- फल फूलो कि dropping को कम करनेमे मदत करता है |
मुंग :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
- फल फूलो कि dropping को कम करनेमे मदत करता है |
टमाटर :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
- फल फूलो कि dropping को कम करनेमे मदत करता है |
सोयाबीन :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
उड़द :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- पौधे को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
- फल फूलो कि dropping को कम करनेमे मदत करता है |
मकई :
- उपज में वृद्धी केलिये सहायक है |
- फसल को मजबूती देता है |
- पोधे का विकास करनेमे सहयता करता है |
- फसल को हरीभरी रखनेमे मदत करता है |
- पौधे को रोगों से लढ़ नेमे मदत करता है |
बात करलेते है छिडकाव केलिये कितनी dose ले ?
प्रति लीटर पानी में 2-4 ml , 30-40 ml प्रति 15 लीटर पानी में नैनो यूरिया मिलाएं और फसल के सक्रिय विकास चरणों में पत्तों पर स्प्रे करें।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए किसान भाई 2 स्प्रे करें* –
पहला छिड़काव- कल्ले निकलते समय/ शाखाएं बनते समय (अंकुरण के 30-35 दिन बाद या रोपाई के 20-25 दिन बाद)
दूसरा छिड़काव- पहले छिड़काव के 20-25 दिन बाद या फसल में फूल आने से पहले करें।
नोट- अगर किसान भाई आप नैनो यूरिया का इस्तेमाल फसल में करना चाहते हैं तो फसल बुवाई के समय बेसल डोज में डीएपी या एनपीके उर्वरक के माध्यम से दिए जाने वाली नाइट्रोजन का इस्तेमाल जरूर करें।
बेसल डोज आपको देन्ही है | केवल फसल के विकास के दौरान 2-3 भागों में टॉप ड्रेसिंग (छिट्टा) किए जाने वाले यूरिया को कम करें। फसल और उसकी नाइट्रोजन की आवश्यकता के आधार पर नैनो यूरिया की स्प्रे संख्या को बढ़ा सकते है।
इस्तेमाल के निर्देश क्या है ?
किसान भाई उपयोग करने से पहले बोतल को अच्छी तरह हिलाएं |
पत्तियों पर छिड़काव के लिए फ्लैट फैन या कट वाले नोजल का ही प्रयोग करें। ओस से बचने के लिए सुबह या शाम के समय स्प्रे करें।
यदि नैनो यूरिया के छिड़काव के 12 घंटे के भीतर बारिश होती है, तो स्प्रे को दोबारा करने की आवशकता होती है।
नैनो यूरिया को आसानी से बायोस्टिमुलेंट्स, जल घुलनशील उर्वरकों और कृषि रसायनों के साथ मिलाया जा सकता है। लेकिन मिश्रण के छिड़काव से पहले हमेशा जार परीक्षण करके जरुर देखले।
बेहतर परिणाम के लिए नैनो यूरिया का उपयोग इसके निर्माण की तारीख से 2 साल के भीतर आपको करना है।
Nano urea मार्केट में कितनी price पर मिलता है ?
यंह लगभग 500 ml का पैक 240 रू तक आ जाता है | अगर बात करे इसके निर्माता कंपनी के बारेमे तो यह Iffco इंडिया का उत्पाद है |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ?
क्या Nano urea कि Expire तारीख होती है ? हाँ
क्या हम Expire हुवा Nano urea इस्तेमाल कर सकते है ? नहीं
क्या हम टमाटर पे Nano urea का छिडकाव कर सकते है ? हाँ
क्या हम Nano urea iffco को online खरीद सकते है ? और कंहा से खरीदे ? हाँ आप इसे iffco ebazar कि वेबसाइट पर जा कर खरीद सकते है |
तो किसान भाईयो यंह जानकारी आपको केसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताये |
आपका कोई सुजाव है तो कमेंट करके जुरूर बताये , पोस्ट को पढने केलिये आपका बहोत बहोत धन्यवाद् , तबतक किसान भाईयो जय हिन्द जय भारत |