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Mango Disease in Hindi Symptoms : आम के प्रमुख रोग-नियंत्रण उपाय ?

किसान भाई आम की बागवानी कर रहे है !! या आप करनेवाले है !! आम के पेड़ पर बहोतसे फफूंद जनीत रोग का प्रकोप देखनेको मिलते है. कुछ प्रारम्भिक अवस्था में दिखाई पड़ते है. तो कुछ फल-फुल की अवस्था में दिखाई देते है. जिससे आम की पैदावार में गिरावट आती है. क्वालिटी ठीक नही रह पाती है!! जिससे मार्केट में रेट मिलनेमे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है . ( Mango Disease )

किसान भाई आज हम बात करनेवाले की आप कैसे इन फफूंद जनीत रोगों का इलाज समय रहते कर सकते है ? ताकि आम की उपज और गुणवत्ता में बढ़ोतरी हो सके. जानेंगे विस्तारसे.

रोगों की जानकारी होना आवशक क्यों रहता है ?

किसान भाई देखिये यदि डॉक्टर को पेशंट की बीमारी के बारेमे ना पता हो तो इलाज करना मुश्किल बन जाता है . ऐसे में बहुत समय लगेगा, पैसो का खर्च बढेगा और बीमारी दिन प्रति दिन बढती रहेगी. ऐसा ना हो इसलिए बीमारी के बारेमे पता होना जरूरी रहता है. ताकि समय रहते उसका इलाज हो जाये. हमारा नुकसान होने से बचे. ठीक वैसेही यदि हमे आम पर होनेवाले रोगों की जानकारी ना हो, तो हम समय रहते उसका इलाज नही कर पायेगे. हमारा बहुत नुकसान होगा. आम की उपज और गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है.

Mango Disease in hindi

आम के प्रमुख रोग – नियंत्रण – Mango Disease

1. Anthracnose of Mango

इसमे आप देखेंगे जिस पेड़ो पर इसका प्रकोप होता है. उनकी पत्तियों पर शुरुवाती लक्षण में हल्के भूरे रंग के दाग दिखाई देते है. जो बादमे काले रंगों के दागो में बदल जाते है. साथही यंह पत्तियोंपर , फलो पर , टहनियों पर दिखाई देता है. अधिक रोग बढ़ जाने पर टहनिया सुख जाती है. फलो की अनचाही Dropping होती है. फलो पर दाग दिखाई पड़ते है. कई बार फल सडन की समस्या देखनेको मिलती है. यंह Colletotrichum  gloeosporioides नामक फफूंद की वजस से होता है.

इसके उपचार केलिए आप Pseudomonas fluorescens को आप फूलो वाली टहनियों पर 3 हफ्तों के अंतराल से इसका छिडकाव कर सकते है!! इसके अलावा आप अन्य फफूंद नाशक दवाई का भी आप इस्तेमाल कर सकते है. इसके अलावा आम का स्टोरेज करनेसे पूर्व उन्हें आप 15 मिनट केलिए गरम पानी में भिगो कर रख सकते है. साथही आप आमो को Benomyl solution (500ppm) या Thiobendazole (1000ppm) में आप 5 मिनट केलिए भिगो कर रख सकते है. ( Mango Disease )

Mango Disease

2. Red Rust

इसमे आपको नई निकल रही पत्तियों पर हल्के हरेपिले टाइप के दाग दिखाई देते है!! जो बादमे हल्के लाल रंग Rust में बदल जाते है. यंह मुखत: Algae के प्रकोप की वजह से होता है. जिसकी परिणाम स्वरुप पौधे तनाव में आ जाते है. खाना ठीक से नही बना पाते है. वंह अपना विकास ठीक से नही कर पाते है.

इसके लिया आप Bordeaux mixture (0.6%) या Copper oxychloride 0.25% का छिडकाव आप कर सकते है!! इसके अलावा किसी अन्य फफूंद नाशक दवाई जिसमे यंह टेक्निकल मिलता हो आप उसका इस्तेमाल कर सकते है.

3. Grey Blight

इसमे आपको पत्तियों के बिच में या अंतिम सिरे पर भूरे रंग दाग दिखाई देंगे!! जो रोग के फ़ैलनेसे और भी अपना आकार बढ़ा लेते है!! फिर कुछ वक्त बाद काले रंग के धब्बो में बदल जाते है. पत्तियों से हरित लवक की मात्रा कम होने लगती है. यंह Pestalotia Mangiferae नामक फफूंद की वजह से होता है. इसका ज्यादा तर अटैक मानसून सीजन में देखनेको मिलता है. कभी कभी यंह पत्तियों पर पुरे साल तक रह जाता है. साथही यंह तेज हवा के चलनेसे फैलता रहता है.

इससे बचने केलिए आप रोग ग्रसित टहनियों को पौधे से तोड़कर उन्हें नष्ट करदे. साथही आप छिडकाव केलिए  Copper oxychloride 0.25, Mancozeb 0.25% या Bordeaux mixture 1.0%.ले सकते है . ( Mango Disease )

4. Stem End Rot

इसमे आप देखेंगे की फलो की उपरी सतह पर हल्के काले रंग का घेरा बनाता दिखाई देगा!! जो वक्त के साथ फेलता जाता है. फलो को ख़राब कर देता है!! अनुकूल वातावरण मिलने पर 2-3 दिन के अंदर फल काले पड़ जाते है. यंह मुखत: Diplodia natalensis नामक फफूंद की वजह से होता है.

इसके लीये आप Carbendazim या Thiophanate Methyl(0.1%) या  Chlorathalonil (0.2%) का इस्तेमाल कर सकते है.

5. Sooty Mould

इसमे यंह रोग Capnodium mangiferae नामक फफूंद की वजह से होता है. जो Mycelium नामक पदार्थ Produce करता है!! अफ्फिद, जेस्सिद जैसे रसचुसक किट कुछ चिपचिपे पदार्थ पत्तियों पर छोड़ देते है. इन पदार्थो पर यंह फफूंद बढाता है. पत्तियों को काले रंग पटल से ढकने लगता है. जिससे पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित होने लगती है.पौधे अपना विकास करनेमे असक्षम बनते है.

इस समस्या से छुटकारा पाने केलिए आप Systemic रसचुसक दवाई का छिडकाव आप कर सकते है!! जिसमे Monocrotophos या Methyl Demeton का प्रयोग आप कर सकते है. जिससे किट ख़त्म होते है. परिणाम स्वरुप फफूंद को जीवित रहने केलिए पर्याप्त खाना नही मिलता है. ओर फफूंद खत्म होने लगता है. साथही फफूंद की काली परत को हटाने केलिए आप मैदा का इस्तेमाल कर सकते है. जिसमे आपको 1 kg मैदा को 5 लीटर पानी में उबालकर उसमे 15-20 लिटर पानी मिलाकर पौधो पर छिडकाव कर सकते है. ( Mango Disease )

6. Mango Malformation

इसमे आप देखेंगे की फूलो की टहनियों पर एक अजीब सा गुच्छा दिखाई देता है. जो खास कर  Fusarium Moliliforme नामक फफूंद की वजस से बन जाता है. यंह मुखत: तीन प्रकार का होता है जिसमे Bunchy Top Phase, Floral Malformation और Vegetative Malformation.शामिल है. जिसे हम कह सकते है. टहनियों से बना गुच्छा, फूलो से बना गुच्छा और पत्तियों से बना गुच्छा. यंह गुच्छा कुछ समय बाद सुख जाता है. लंबे समय तक वंह पर रहता है. इसे उस टहनियों पर लगनेवाले आम की संख्या में कमी आती है.

इसके लिए आप अक्टूबर में 100-200ppm NAA हारमोन का छिडकाव कर सकते है. साथही फफूंद की रोकथाम केलिए आप Carbendazim (0.1%) या Captafol (0.2%) का छिडकाव कर सकते है. साथही रोग ग्रसित पौधे को आप नष्ट कर सकते है. प्लांटिंग के वक्त आप रोगमुक्त मटेरियल काही इस्तेमाल करे.

7. Powdery Mildew

इसमे आप देखेंगे की जिस पौधे पर इसका प्रकोप होता है!! उसकी पत्तिया की निचली सतह पर सफेद सफेद दाग दिखाई देंगे!! सफ़ेद पाउडर का तरह पत्तियों पर होता दिखाई देगा, जिससे पत्तिया बादमे बेंगनी रंग में परिवर्तित हो कर सुख जाती है. सभी पौधे के यंह रोग हो सकता है. ज्यादा प्रकोप होने पर पौधे की पत्तियों, टहनियों, फूलो-फलो में भी इसका असर दिखाई देता है. पौधे तनाव में आ जाते है.

फलो की भराई होनेसे पूर्व ही वंह इसके प्रकोप से ड्रॉप होने लगते है!! अभ हम बात करते है इसके इलाज के उपाय के बारेमे, अपने बागवानी को स्वच्छ रखे!! साथही आप छिडकाव केलिए Wettable सल्फर याफिर Carbendazim फफूंद नाशक का छिडकाव कर सकते है. इसके अलावा अन्य असर करने वाली फफूंद नाशक दवाई का भी आप छिडकाव कर सकते है.

पहला छिडकाव ठीक फूलो के खिलने के बाद और दूसरा छिडकाव 15 दिन के अंतराल पे आप कर सकते है.

Pro Tip:

किसान भाई फफूंद जनीत रोगों की दवाई के साथ टॉनिक और जरुरी खाद का इस्तेमाल जरुर करे!! टॉनिक में आप Planofix टॉनिक या Cultar टॉनिक ले सकते है.

अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल ?

क्या हम Pseudomonas fluorescens फफूंद को अन्य रासायनिक फफूंद नाशक दवाई के साथ दे सकते है ? नही.

यदि हमने टॉनिक का इस्तेमाल नही किया तो क्या हो सकता है ? आपको आम की उपज और गुणवत्ता में कमी नजर आ सकती है.

क्या जरूरत से अधिक पानी देना नुकसान देह होता है ? हाँ.

तो किसान भाई यंह जानकारी आपको केसी लगी. हमें कमेंट में जरुर बताये, आपका सुजाव हमारे लिए जरूरी है. एसिही अन्य महत्वपूर्ण खेतीबाड़ी से जुडी latest जानकारी केलिए आप हमारा ब्लॉग Subscribe कर सकते है और अन्य किसान भाई से Share कर सकते है |

पोस्ट को पढने केलिये एंव आपका कीमती समय देने केलिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद् , तबतक किसान भाई ख्याल रखिये अपना और अपनी बागवानी का !! जय हिन्द जय भारत !!

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