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Cotton Crop Disease Management in Hindi कपास के प्रमुख रोग-उपाय ?

किसान भाई कपास की खेती में बहुतसे फफूंद जनित रोग देखनेको मिलते है. जिससे कपास की उपज काफी गलत असर पड़ता है. ज्यादातर फफूंद जनीत रोगों का प्रकोप फ्लोवेरिंग स्टेज के बाद देखनेको मिलता है. हमारे किसान भाई किट नियंत्रण काफी अछेसे करते है. फफूंद जनीत रोगों की पर्याप्त जानकारी ना होने की वजह से काफी किसान भाई को नुकसान का सामना करना पड़ता है. ( Cotton crop Disease management )

जंहा पर अच्छी खासी उपज होने की संभावना रहती है. फफूंद जनीत रोगों के प्रकोप से उपज में काफी गिरावट देखनेको मिलती है. ऐसा ना हो इसलिए किसान भाई आज हम बात करनेवाले है कपास की फसल पर आनेवाले प्रमुख फफूंद जनित रोग और उनके उपाय के बारेमे. ताकि आप समय रहते उनका इलाज करनेमे सफल रहे. कपास की उपज में बढ़ोतरी होनेमे मदत मिले. जानेंगे विस्तारसे.

रोगों की जानकारी होना आवशक क्यों रहता है ?

किसान भाई देखिये यदि हमारे डॉक्टरो को पेशंट की बीमारी के बारेमे ना पता हो तो इलाज कैसे होगा!! ऐसे में तो बहुत समय लगेगा, पैसो का खर्च बढेगा और बीमारी दिन प्रति दिन बढती रहेगी. ऐसा ना हो इसलिए बीमारी के बारेमे पता होना जरूरी रहता है!! ताकि समय रहते उसका इलाज हो जाये. हमारा नुकसान होने से बचे. ठीक वैसेही यदि हमे कपास की फसल पर होनेवाले रोगों की जानकारी ना हो, तो हम समय रहते उसका इलाज नही कर पायेगे. हमारा बहुत नुकसान होगा.

cotton crop

कपास के प्रमुख रोग और उपाय-Cotton Crop Disease Management

cotton crop

1. Alterneria leaf blight-

इसमे आप देखेंगे की कपास की पत्तियों में भूरे रंग के गोलाकार, थेड़े मेढे टाइप के दाग बने हुए मिलेंगे!! जब बहुतसे दाग एकत्रित हो जाते है. तब यंह काफी स्पष्ट दिखाई देते है. इसके अलावा पत्तियों में से कुछ हिस्सा नष्ट हुवा दिखाई देगा. कुछ समय बाद यंह पत्तिया सुखकर गिरती हुयी दिखाई देगी. यंह रोग कपास की किसी भी स्टेज पर हो सकता है. ज्यादा तर यंह 45-60 दिन की कपास पर देखनेको मिलता है.

इस रोग के चलते फसल तनाव में आ जाती है. पौधे अपना विकास करनेमे असक्षम बनते है!! फल फुल गलन की समस्या देखनेको मिलेंगी!! कुल मिलाकर बात कहे तो आपको उपज में गिरावट देखनेको मिलेंगी. यंह रोग Alternaria macrospora नामक फफूंद की वजह से होता है!!

इस रोग से फसल का नुकसान होनेसे बचाने केलिए आप Mancozeb या Copper oxychloride से बनी फफूंद नाशक दवाई को 2kg प्रति हेक्टर के हिसाब से 15 दिन के अंतराल से 2-3 बार छिडकाव कर सकते है. या आप अन्य फफूंद नाशक दवाई काभी प्रयोग में ले सकते है. रोग ग्रसित पौधे को आप नष्ट करदे. ताकि यंह फेले नही.( Cotton crop Disease management )

2. Bacterial blight-

इसमे आप देखेंगे जिन पौधे पर इसका प्रकोप होगा!! उनकी पत्तियों के निचली सतह पर काले धब्बे दिखाई देंगे. साथही जब यंह अधिक बढ़ जाता है!! तब यंह पत्तियों के उपरी सतह पर दिखाई देने लगता है!! इसके परिणाम स्वरुप यंह होता है की पौधे ठीक से खाना नही बना पाते है!! फुल गलन की समस्या देखनेको मिलेंगी. साथही बोंड सडन की समस्या देखनेको मिलेगी!! यंह मुखत: Xanthomonas campestris p.v malvacearum नामक फफूंद की वजह से होता है. यंह फफूंद पत्तियों की कोशिकावो नष्ट करता रहता है!! पौधे की विकास प्रणाली में बढ़ा निर्माण करता रहता है. जिसके परिणाम स्वरुप फसल का नुकसान देखनेको मिलता है.

इसको रोकने केलिए आप 100ml/kg कपास के बीज को sulphuric acid की सहायतासे अछेसे साफ़ करले!! साथही आप बीज उपचारित करने केलिए आप Carboxin या Oxycarboxin को 2 g/kg के हिसाब से ले सकते है!! साथही आप रोग ग्रसित पौधे को आप नष्ट कर सकते है!! इसके अलावा किसान भाई आप छिडकाव केलिए अन्य फफूंद नाशक दवाई काभी इस्तेमाल कर सकते है.

3. Fusarium Wilt-

इसमे आप देखेंगे की जिस पौधे पर इसका प्रकोप होता है उसकी टहनियों की उपरी निचली सिरे की कोशिकाये काली भूरी रंग की नजर आएगी. साथही पौधे पर फल-फूलो की संख्या में कमी नजर आएगी. पत्तिया पिली पड़कर सूखती हुयी नजर आएगी. जिसके परिणाम स्वरुप कपास की उपज ओर गुणवत्ता में कमी देखनेको मिलती है. यंह रोग Fusarium oxysporum f. sp. Vasinfectum नामक फफूंद की वजह से होता है.

इसके रोकने केलिए आप Carboxin या Carbendazim से बीज उपचारित कर सकते है. रोग ग्रसित पौधे को आप उखाड़कर उसे नष्ट कर सकते है. ताकि यंह अन्य पौधो में ना फेले. साथही आप पोटाश खाद की मात्रा बढ़ा भी सकते है. उससे भी काफी फायदा मिलता है. गोबर खाद का भी आप इस्तेमाल कर सकते है. इसके अलावा आप 0.05 % Benomyl या 0.1 % Carbendazim फफूंद नाशक दवाई से स्पॉट Drenching भी कर सकते है.( Cotton crop Disease management )

4. Grey or Areolate mildew-

किसान भाई इसमे आप देखेंगे कपास की पत्तियों पर हल्के भूरे रंग की परत बनती दिखाई देंगी!! प्रकोप ज्यादा होने पर पत्तिया पिली पड़कर समय से पहले ही गिरती नजर आएगी!! इस रोग चलते पौधे अपना खाना ठीक से नही बना पाते है!! फल फूलो की गलन देखनेको मिलेंगी. इस रोग नियंत्रण केलिए आप Carbendazim या wettable sulphur फफूंद नाशक दवाई का इस्तेमाल कर सकते है!! साथही आप रोग प्रति रोधी बीज का चयन कर सकते है. जरूरत से अधिक यूरिया खाद का इस्तेमाल ना करे. रोग ग्रसित पौधे को नष्ट कर सकते है.

5. Boll rot-

इसमे आप देखेंगे की कपास के बोंड पर आपको काले भूरे रंग के दाग दिखाई देंगे!! जो अंदर या बाहर से निकलते हुए दिख सकते है!! रोग से ग्रसित पौधे के बोंड खिलही नही पाते है. समय से पहले ही बोंड गलन की समस्या दिखाई देंगी!! इसके काफी उपज नुकसान देखनेको मिलता है. हातमे आई हुयी फसल हातसे जाती हुयी नजर आने लगती है!! यंह रोग मुखत: Fusarium moniliforme, Colletotrichum capsici, Aspergillus flavus, A. niger, Rhizopus nigricans, Nematospora nagpuri और Botryodiplodia sp फफूंद की वजह से होता है!!

इसको रोखने केलिए आप 45 दिन के बाद ठीक 15 दिन के अंतराल से आप Carbendazim 1kg या  Mancozeb 2 kg/ha के हिसाब से छिडकाव कर सकते है. इसके अलावा पौधे से पौधे की पर्याप्त दुरी बनाये रखे. जरूरत से अधिक खादों का इस्तेमाल ना करे.( Cotton crop Disease management )

6. Verticillium wilt-

इस रोग का प्रकोप फुल से फल बनने की अवस्था में ज्यादातर देखनेको मिलता है!! इसमे आप देखेगे की पौधे की पत्तिया पिली पडती नजर आएगी!! साथही पत्तियों बाग के समान के पट्टो के जैसे पट्टे दिखाई देंगे. पत्तियों के किनारे सूखते नजर आयेगे!! साथही बोंड का आकर आपको कम दिखाई देगा. इस रोग के चलते काफी नुकसान देखनेको मिलता है. यंह रोग Verticillium dahliae नामक फफूंद की वजह से होता है.

इसको रोकने केलिए आप  0.05 % Benomyl या 0.1 % Carbendazim फफूंद नाशक दवाई की spot Drenching कर सकते है. इसके अलावा आप Carboxin या Carbendazim को 4 g/kg के हिसाब से बीज उपचारित कर सकते है. साथही आप खाद में आप गोबर की खाद या केंचुवा खाद काभी आप इस्तेमाल कर सकते है. इसके अलावा किसान भाई हर साल  एकही फसल ना लेते रहे. 2-3 साल में फसल बदलाव जरुर करे. इससे भी काफी फायदा देखनेको मिलता है.

7. Cercospora leaf spot-

इसमे किसान भाई पत्तियों पर भूरे रंग के दाग दिखाई देंगे. जिनके किनारे काले भूरे रंग नजर आते दिखाई देंगे!! जिससे पौधे तनाव में आ जाते है. फल- फूलो की गलन देखनेको मिलेंगी. यंह रोग Cercospora gossypina नामक फफूंद की वजह से होता है!!

इसके रोखने केलिए आप Mancozeb या Copper oxychloride फफूंद नाशक दवाई को  2kg/ha के हिसाब से छिडकाव कर सकते है. 15 दिन के अंतराल से आप 2-3 बार छिडकाव कर सकते है!! इसके अलावा किसान भाई आप अन्य फफूंद नाशक दवाई का भी आप छिडकाव कर सकते है.( Cotton crop Disease management )

8. Myrothecium leaf spot-

इसमे आपको पत्तियों के किनारों पर मुली के रंग की तरह सफेद दाग बनते दिखाई देगे जो बादमे पत्तियों में छेद करते दिखाई देंगे!! इसके चलते फल-फूली की गलन देखने को मिलती है. यंह रोग Myrothecium roridum नामक फफूंद की वजह से होता है.

इसको रोखने केलिए आप  Mancozeb या Copper oxychloride फफूंद नाशक दवाई को आप 2kg/ha के हिसाब से छिडकाव कर सकते है. 15 दिन के अंतराल से आप 2-3 स्प्रे कर सकते है. रोग ग्रसित पौधे को आप नष्ट कर सकते है.

9. Tobacco Streak Virus-

इसमे आपको पौधे की उपरी पत्तिया अलग ही आकार की ठेडी मेढ़ी बनती दिखाई देंगी!! साथही पत्तियों पर हल्के बेंगनी रंग के दाग बनते दिखाई देंगे. इस रोग के चलते पौधे का विकास ठीक से नही हो पाता है. फसल की उपज में काफी गिरावट देखनेको मिलती है. इससे बचने केलिए आप Acephate का छिडकाव कर सकते है.

10. Root rot-

इसमे यदि आप पौधे को उखाड़ कर देखेंगे तो आपको पौधे की जड़े सूखती नजर आयेगी. कुछ समय बाद पौधे सुखते दिखाई देंगे. इस रोग के चलते भारी नुकसान का सामना करना पढ़ सकता है. इसको रोखने केलिए आप Trichoderma viride को  4g/kg या  Pseudomonas fluorescens को 10g/kg बीज के दरसे बीज उपचारित कर सकते है. साथही Spot Drenching केलिए आप  0.1% Carbendazim या 0.05% Benomyl को ले सकते है. गोबर की खाद का इस्तेमाल भी काफी फायदेमंद रहता है. बुवाई के समय को आप जल्दी कर सकते.( Cotton crop Disease management )

Pro Tip:

किसान भाई फफूंद जनीत रोगों की दवाई के साथ टॉनिक, कीटनाशक दवाई और जरुरी खाद का इस्तेमाल जरुर करे. टॉनिक में आप Planofix टॉनिक या Biovita टॉनिक ले सकते है.

अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल ?

क्या हम सिर्फ उपर बताई गयी फफूंद नाशक दवाई काही इस्तेमाल कर सकते ? नही. ऐसा कुछ नही है. आप अन्य दवाईयो का भी इस्तेमाल कर सकते है.

क्या हम फफूंद नाशक दवाई के साथ कीटनाशक दवाई को ले सकते है ? हाँ.

यदि हम फफूंद नाशक दवाई का इस्तेमाल नही करते है तो क्या होगा ? आपको उपज में गिरावट देखनेको मिल सकती है.

तो किसान भाई यंह जानकारी आपको केसी लगी. हमें कमेंट में जरुर बताये, आपका सुजाव हमारे लिए जरूरी है. एसिही अन्य महत्वपूर्ण खेतीबाड़ी से जुडी latest जानकारी केलिए आप हमारा ब्लॉग subscribe कर सकते है और अन्य किसान भाई से share कर सकते है |

पोस्ट को पढने केलिये एंव आपका कीमती समय देने केलिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद् , तबतक किसान भाई ख्याल रखिये अपना और अपनी फसल का !! जय हिन्द जय भारत !!

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