सोयाबीन की खेती में बहुत से फफूंद जनीत रोगों का प्रकोप देखनेको मिलता है. जिससे उपज में भारी गिरावट देखनेको मिलता है. किसान भाई आज हम बात करने वाले की आप कैसे इन फफूंद जनीत रोगों के प्रकोप से सोयाबीन की सुरक्षा कर सकते है. उपज बढ़ा सकते है. इसमे हम जानेंगे फफूंद जनीत रोगों के क्या लक्षण होते है? उनके उपाय क्या रहते है? चलिए विस्तारसे से समजते है. ( Soya Crop )
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सोयाबीन के प्रमुख रोग और उपाय- Soya Crop Disease
1. Alterneria leaf spot-
लक्षण– यदि हम बात करे इसके लक्षण के बारेमे तो आप इसमे देखेंगे सोयाबीन की पत्तियों पर पीले भूरे रंग के दाग दिखाई देंगे. पत्तिया बादमे समय से पहले सुखकर गिरती नजर आती दिखाई देगी. साथही सोयाबीन के बीजो का आकार छोटा बनाता दिखाई देगा. बीजो में सिकुडन रहेगी.
परिणाम– उपज में गिरावट देखनेको मिलेंगी. बीजो की गुणवत्ता में कमी आएगी.
उपाय-इससे बचने का सबसे बेस्ट तरीका यंह रहता की आप रोगप्रति रोधी बीजो का चयन बुवाई केलिए करे. साथही जेन्युइन सर्टिफाइड बीजो का चयन करे. बुवाई से पहले थिरम याफिर कार्बेन्डाजिम से बीज उपचारित करे. छिडकाव करने केलिए आप Mancozeb या Copper fungicide को 2.5gm प्रति लिटर लेकर छिडकाव कर सकते है.
2. Anthracnose/pod blight–
लक्षण– इसमे आप देखेंगे सोयाबीन की पत्तियोंपर , टहनियोंपर और फल्लियो पर तपकिरी भूरे रंग के दाग दिखाई देंगे!! पत्तिया गोल तरीकेसे लपेटती दिखाई देंगी. बीजो पर भूरापन रहेगा.
परिणाम– सोयाबीन के बीजो की गुणवत्ता में गिरावट देखनेको मिलेगी. उपज में गिरावट मिलेगी.
उपाय – इसके बचने केलिए आप बुवाई केलिए पानी का अच्छा निकास करने वाली भूमि का चुनाव करे. सर्टिफाइड बीजो की बुवाई करे!! इसके अलावा पिछली साल की फसल के अवशेषो को नष्ट करदे. पानी से भीगी हुयी फसल की हार्वेस्टिंग तुरंत ना करे. बुवाई से पूर्व Thiram या Captan या Carbendazim से बीज उपचारित करे. छिडकाव केलिए आप Mancozeb या Carbendazim से युक्त फफूंद नाशक दवाई का इस्तेमाल कर सकते है.
3. Bacterial blight-
लक्षण– इसमे किसान भाई आपको पत्तियों पर हल्के पीले रंग के दाग देखनेको मिलेंगे!! टहनियों पर कालापन बनता दिखाई देगा. पौधे की निचली पत्तियों की गलन होती दिखाई देगी.
परिणाम– बीजो के रंग में गिरावट देखनेको मिलेंगी. उपज में गिरावट देखनेको मिलेंगी.
उपाय– इसको रोखनेका बेस्ट तरीका यंह है की आप बुवाई से पूर्व गहरी जुताई करे. फसल के अवशेषों को नष्ट करदे. सर्टिफाइड बीजो का चयन करे. बुवाई से पूर्व streptocyclin दवाई से बीज उपचारित करे. छिडकाव केलीये आप कॉपर फफूंद नाशक का इस्तेमाल कर सकते है. ( Soya Crop )
4. Rhizoctonia aerial blight / Web blight–
लक्षण-इसमे आपको पत्तियों पर काले भूरे रंग के दाग बनते दिखाई देंगे. पौधे में तनाव रहेगा!! वातावरण में जब हुमिडिटी का प्रमाण ज्यादा रहेगा तब इस रोग का प्रकोप ज्यादातर देखनेको मिलता है.
परिणाम– इसमे फसल का विकास ठिकसे नही हो पाता है. साथही सोयाबीन की उपज और गुणवत्ता में खपत देखनेको मिलती है.
उपाय – इससे बचने केलिए सबसे बेस्ट तरीका यंह रहता है की पौधे से पौधे की दुरी कम ना रखे. कहनेका मतलब है, ज्यादा घने बीजो की बुवाई ना करे. बुवाई से पूर्व Thiram + Carbendazium दवाई से बीज उपचारित करे. साथही छिडकाव केलिए आप Mancozeb या Copper fungicide को ले सकते है.
5. Collar rot / Sclerotial blight-
लक्षण– इसमे आप देखेंगे की अचानक ही पौधे पीले पड़ कर सूखते दिखने लगेंगे. पत्तिया भूरी पड़ने लगती है बादमे पत्तिया, टहनिया सुख जाती है.
परिणाम– पौधो का विकास रुख जाता है. उत्पादन में घट देखनेको मिलती है.
उपाय– इससे बचने केलिए बुवाई से पूर्व गहरी जुताई करे. 2-3 साल में फसल बदलाव करते है. इसके लिए आप मकई या ज्वार ले सकते है. रोग ग्रसित पौधे को नष्ट करदे. बुवाई से पूर्व Pseudomonas fluorescens या Trichoderma viride, Carbendazim या Thiram दवाई से बीज उपचारित करे. साथही आप स्पॉट द्रेंचिंग केलिए Carbendazim या Pseudomonas. fluorescens या Trichoderma Viride ले सकते है. ( Soya Crop )
6. Frog eye leaf spot-
लक्षण– इसमे पत्तियों पर हल्के भूरे दाग पड़ते दिखाई देंगे. प्रकोप ज्यादा होनेसे पत्तिया समय से पहले ही गलने लगती है. पौधे तनाव आने कगते है. फल्लियो पर हल्के भूरे दाग देखनेको मिलेंगे.
परिणाम– पौधे ठीक से खाना नही बना पाते है. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में बाधा बनती है. उपज और गुणवत्ता में गिरावट देखनेको मिलेंगी.
उपाय– सर्टिफाइड बीजो का चयन करे. 2-3 साल में फसल बदलाव करते रहे. हार्वेस्टिंग के बाद पौधे के अवशेषों को नष्ट करदे. बुवाई से पूर्व Thiram + Carbendazim दवाई से बीज उपचारित करे. साथही छिडकाव केलिए आप Mancozeb या Carbendazim युक्त फफूंद नाशक का इस्तेमाल कर सकते है.
7. Soybean mosaic virus–
लक्षण– इसमे आप देखेंगे पौधे की पत्तिया टेढ़ीमेढ़ी बनती दिखाई देगी. पत्तिया के कलर में काफी फर्क दिखाई पड़ेगा. फल्लियो की संख्या भी कम बनती दिखाई पड़ेगी. रोगग्रसित बीज कई बार अंकुरित नही हो पाते है. हो भी जाते है तभी वंह रोगयुक्त बने रहते है.
उपाय– बेस्ट उपाय यंह रहता है की आप स्वस्थ सर्टिफाइड बीजो का चयनबुवाई केलिए करे. रोग ग्रसित पौधो को नष्ट करदे. छिडकाव केलिए आप Thiamethoxam 25 WG या Methyl demeton 800 दवाई के दो छिडकाव करे पहला बुवाई से 30 दिन बाद , दूसरा 15 दिन के अंतराल पे कर सकते है.
8. Cercospora leaf blight–
लक्षण– इसमे आप देखेंगे की पौधे की पत्तियो पर बेंगनी रंग की परत बनती दिखाई देगी. पौधे तनाव से ग्रसित होते दिखाई देंगे. साथही पौधे ठीक से खाना नही बना पाते है.
उपाय – इससे बचने केलिए पिछली फसल के अवशेसो को नष्ट करदे. साथही स्वस्थ और सर्टिफाइड बीजो का चयन करे. बुवाई से पूर्व Thiram + Carbendazium दवाई से बीज उपचारित जरुर करे. इसके अलावा छिडकाव केलिए आप Mancozeb या Copper oxychloride फफूंद नाशक दवाई का इस्तेमाल कर सकते है.
9. Charcoal rot, Ashy or Stem blight or Dry root rot-
लक्षण– इसमे आप देखेंगे की पौधे की जड़े सुखने लगती है. समय से पहले निचली पत्तिया सुखकर गलने लगती है. पौधे सुखकर मरने लगते है. ज्यादातर इस रोग का अटैक तब देखनेको मिलता है जब मिट्ठी में प्रयाप्त नमी रहती है. किसी कारणवश फसल को पानी कम पड़ जाता है.
परिणाम– उपज में भारी गिरावट देखनेको मिलती है.
उपाय – इसको रोकने केलिए आप बुवाई से पूर्व गहरी जुताई करे. फसल को जरूरी खाद की कमी ना पड़ने दे. 2-3 सालो में फसल में बदलाव जरुर करे. पिछली साल की फसल के अवशेषों को नष्ट करदे. बुयाई से पहले Trichoderma Viride या Pseudomonas fluorescens या Carbendazim या Thiram दवाई का इस्तेमाल कर सकते है. स्पॉट द्रेंचिंग केलिए आप Carbendazim या Pseudomonas fluorescens या Trichoderma viride का इस्तेमाल कर सकते है. ( Soya Crop )
Pro Tip:
‘’ किसान भाई फफूंद जनीत रोगों की दवाई के साथ टॉनिक, कीटनाशक दवाई और जरुरी खाद का इस्तेमाल जरुर करे.’’
सोयाबीन केलिए जरूरी फफूंद नाशक :
जरुरी कीटनाशक :
जरुरी टॉनिक :
अधिक जानकारी केलिए- रेफ़रन्स
अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल ?
क्या हम सिर्फ उपर बताई गयी फफूंद नाशक दवाई काही इस्तेमाल कर सकते ? नही. ऐसा कुछ नही है. आप अन्य दवाईयो का भी इस्तेमाल कर सकते है.
क्या हम फफूंद नाशक दवाई के साथ कीटनाशक दवाई को ले सकते है ? हाँ.
यदि हम फफूंद नाशक दवाई का इस्तेमाल नही करते है तो क्या होगा ? आपको उपज में गिरावट देखनेको मिल सकती है.
तो किसान भाई यंह जानकारी आपको केसी लगी. हमें कमेंट में जरुर बताये, आपका सुजाव हमारे लिए जरूरी है. एसिही अन्य महत्वपूर्ण खेतीबाड़ी से जुडी latest जानकारी केलिए आप हमारा ब्लॉग subscribe कर सकते है और अन्य किसान भाई से share कर सकते है | इसके अलावा किसान भाई अगले किस टॉपिक पर पोस्ट पढना आप पसंद करेंगे. हमे कमेंट में जरुर बताये.
पोस्ट को पढने केलिये एंव आपका कीमती समय देने केलिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद् , तबतक किसान भाई ख्याल रखिये अपना और अपनी फसल का !! जय हिन्द जय भारत !!